Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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निरंतर प्रयास और धैर्य

 

सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
जीवन की विकट से विकट प्रतिकूल परिस्थिति में भी निरंतर प्रयास और धैर्य का परित्याग नहीं करना चाहिए। जब आपको लगे कि आशा के सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं उस स्थिति में भी आपके प्रयास जारी रहने चाहिए।

जिस प्रकार से कभी-कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल देती है, उस प्रकार से अंतिम क्षणों में भी पूरी लगन के साथ किया गया आपका प्रयास बाजी पलट सकता है। निरंतर प्रयास करते हुए कितनी भी विकट परिस्थितियाँ आ जाएं पर मनुष्य को धैर्य का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

अगर पतझड़ रुपी प्रतिकूलताएं ही आपको चारों ओर से घेर रखी हों तो धैर्य रखिए, भंवरों की गुंजार और चिड़ियों की चहचहाहट को लेकर एक नया वसंत अवश्य आने वाला है। धैर्यपूर्वक निरंतर प्रयास करो जीवन के परिणाम अवश्य बदल जायेंगे।

सुरपति दास
इस्कॉन/भक्तिवेदांत हॉस्पिटल 

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