सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
असफल बन जाओ कोई बात नहीं लेकिन अप्रयत्नशील कभी मत बनो। असफल व्यक्ति के जीवन में सफल होने के शत प्रतिशत अवसर होते हैं, जब तक वो प्रयत्नशील बना रहे।
असफल होकर हाथ खड़े कर देने का अर्थ है, कि युद्ध से पहले ही हार स्वीकार कर लेना। सम्मानीय एवं पूजनीय आपकी सफलता नहीं अपितु आपका संघर्ष, आपका प्रयत्न होता है। असफलता जब भी आयेगी अपने महत्वपूर्ण अनुभव भी अवश्य बाँटकर जायेगी।
निरंतर प्रयत्नशील बने रहें, सफलता मिले ना मिले लेकिन सम्मान जरूर मिलेगा। कभी-कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताले को खोल देती है उसी तरह निरंतर प्रयासरत बने रहें एक न एक दिन आपके परिश्रम की चाबी सफलता के ताले को अवश्य खोल कर रख देगी।
सुरपति दास
इस्कॉन
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