Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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साधु से प्रेम

 

सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
प्रेम करना हो तो किसी साधु से करना। प्रेम ही करना हो तो साधु से करना कर सको तो साधु से करना। क्योंकि बाकी सब प्रेम डुबाने वाले हैं, साधु से हुआ प्रेम पार लगाने वाला है। साधु से हुआ प्रेम सत्य से हुआ ही प्रेम है।

साधु का अर्थ है, झरोखा जिससे सत्य की थोड़ी सी झलक मिली। साधु का अर्थ है- जैसे बिजली कौंध गई; राह दिखी, मार्ग मिला। साधु का अर्थ है, हमारे पास तो आंखें नहीं हैं, हमें तो परमात्मा की कोई प्रतीति नहीं होती, लेकिन किसी के पास आंखें हैं और किसी को उसकी प्रतीति हुई है और उसके पास भी बैठ जाते तो वर्षा की दो बूंदें हम पर भी पड़ जातीं! साधु से प्रेम का अर्थ है:- सत्संग।

साधु जीवंत है। साधु का अर्थ है, अभी शास्त्र जहां पैदा हो रहा है। शास्त्र का अर्थ है, कभी वहां साधु था। साधु तो जा चुका है, रेत पर पड़े चिह्न रह गए हैं। पक्षी तो उड़ गया है, पिंजड़ा पड़ा रह गया है। शास्त्र का अर्थ है, साधुओं की याद। कितना ही तुम पाक शास्त्र पढ़ो, इससे भूख न बुझेगी। भोजन पकाना होगा, भोजन ही भूख मिटाएगा।

सुरपति दास
इस्कॉन
 

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