सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
जो लोग अपनी गलतियों को निकालने वालों का भी धन्यवाद करने का साहस रखते हैं और अपनी गलतियों से सबक लेकर उनमें सुधार हेतु निरंतर प्रयासरत रहते हैं उनका जीवन एक दिन दूसरे लोगों के लिए उदाहरण और समाज के लिए आदर्श भी बन जाता है।
हमारे अवगुण बताने वाले को हम शत्रु समझने लगते हैं लेकिन वास्तव में वही हमारा सच्चा मित्र है। स्वयं की गलतियों को पहचाना इस दुनिया का सबसे कठिन कार्य है। इसलिए अपनी गलतियों का ध्यान दिलाने वाले के ऊपर क्रोधित होने की अपेक्षा उसका आभार करना सीखिए।
यदि वो ईर्ष्यावश भी आपके दोषों को दिखा रहा है तब भी आपका लाभ ही होने वाला है। स्वयं के दोषों को दूर करने की प्रतिबद्धता का साहस ही जीवन के उत्थान मूल है ।
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