सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
जो समय के साथ चलना जानता है समय भी उसके अधीन होकर चलता है। समय मूल्यवान और बहुमूल्य नहीं अपितु अमूल्य है। हमारे पूरे जीवन भर की कमाई भी समय के एक क्षण को नहीं खरीद पायेगी इसलिए समय के दुरुपयोग से सदैव बचना चाहिए।
जीवन में व्यस्तता हो लेकिन वह सृजनात्मक, रचनात्मक कार्यों में हो तभी समय का सदुपयोग समझा जायेगा। समय कभी भी किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। तुम चलो ना चलो, समय प्रति क्षण गतिमान है।
समय अमूल्य है हर क्षण घट रहा है। जो आज है वो कल नहीं और अभी है फिर बाद में नहीं। इसलिए समय के महत्व को विशेष रूप से समझा जाये और अपने जीवन को अच्छे कार्यों में, श्रेष्ठ कार्यों में लगाया जाये। समय का सदुपयोग बुद्धिमत्ता है और समय का दुरुपयोग ही जीवन की बहुत बड़ी मूढ़ता।
सुरपति दास
इस्कॉन
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