सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
प्रभु कृपा के बल के साथ ही जीवन के किसी भी क्षेत्र में विजय के लिए स्वयं पर विश्वास होना आवश्यक है। जीवन में सफल होने का एक सीधा सा मंत्र है और वो ये कि आपकी उम्मीद स्वयं से होनी चाहिए किसी और से नहीं। स्वयं के पैरों पर उम्मीद ही हमें किसी दौड़ में विजेता बनाती है।
सूर्य स्वयं के प्रकाश से चमकता है और चन्द्रमा को चमकने के लिए सूर्य के प्रकाश पर निर्भर रहना होता है। दूसरे के प्रकाश से प्रकाशित होने की उम्मीद रखने के कारण ही चन्द्रमा की चमक एक जैसी नहीं रहती। कभी ज्यादा कभी कम तो कभी पूरी तरह क्षीण भी हो जाती है।
कमल उतनी ही देर अपना सौंदर्य बिखेरता है जितनी देर उसे सूर्य का प्रकाश प्राप्त होता है। जीवन में सफल एवं सदा खुश रहना है तो दूसरों से किसी भी प्रकार की उम्मीद छोड़कर प्रभु कृपा के बल का भरोसा बनाए रखकर स्वयं ही उद्यम में लगना होगा ताकि संपूर्ण जीवन प्रसन्नता से जिया जा सके।
सुरपति दास
इस्कॉन/भक्तिवेदांत हॉस्पिटल
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