आइये यह सजा दीजिए
सच से पर्दा हटा दीजिए।
मेरे सीने में जो आग है
मुस्कुरा के हवा दीजिए।
दिल की बातें करें तो कहाँ
आप अपना पता दीजिए।
रात कट जायगी याद में
हौसला तो बढ़ा दीजिए।
प्यार से नींद आ जाएगी
कोई नगमा सुना दीजिए।
गम में रम से भी ज्यादा असर
कायदे से पिला दीजिए।
सुधीर कुमार ‘प्रोग्रामर’
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY