हमारी शोख धरती की अनोखी शान है हिन्दी
सरल मीठी सुरीली तान की पहचान है हिन्दी।
इसी की रूह में तुलसी कबीरा सूर मीरा है
ये रामायण यही गीता, यही कुरआन है हिन्दी।
यही गंगा, यही यमुना, यही कावा, यही काषी
ये पावन हिन्द की धरती पे हिन्दुस्तान है हिन्दी।
सजाती है सुहागन माँग को सिन्दुर भर-भर के
हमारी भारती की माँग का अरमान है हिन्दी।
विचारों के उजाले में ये हिन्दुस्तान है हिन्दी।
सरल मीठी सुरीली तान की पहचान है हिन्दी।
सुधीर कुमार ‘प्रोग्रामर’
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