नजर बन्द करके, निहारा करेंगे
तुम्हें धड़कनों में सवाँरा करेंगे।
न दीवार होगी न इल्जाम होंगे
मुहब्ब्त की छत पे गुजारा करेंगे।
कहीं दाग धोखे से पड़ भी गया तो
कुहासे के जल से निखारा करेंगे।
बहुत बेकरारी बढ़ेगी तो जानी
खुली खिड़कियों से पुकारा करेंगे।
इषारांे की भाषा इषारों में कह दूं
खता येे दुवारा, तिवारा करेंगे।
सुधीर कुमार ‘प्रोग्रामर’
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