Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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माँ की ऊँगली थामे...

 

फिर मुझे देने को उलझन आ गया
कौन यह रस्ते में रहजन आ गया

 

क्यों अचानक फूल मुरझाने लगे
लूटने शायद वो गुलशन आ गया

 

आज मेरे ख्वाब फिर खतरे में हैं
दोस्त बन कर मेरा दुश्मन आ गया

 

माँ की ऊँगली थामे बच्चा देखकर
याद मुझ को मेरा बचपन आ गया

 

वांकाई बारिश हुई है ऐ 'सुधीर'
या मेरी आँखों में सावन आ गया..

 

 

सुधीर मौर्या 'सुधीर'

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