केवल निम्न जाती की ही नहीं अपितु उच्चवर्ग की लडकियों को भी योनि दासी प्राचीन काल से ही बनाया जाता रहा है। माधवी की कहानी इस का एक स्पष्ट प्रमाण है. राजा ययाति ने अपनी बेटी माधवी को बिना उसकी इच्क्षा के अपने गुरु गालव को भेंट में दे दिया. गालव ने माधवी को क्रमशा तीन राजाओं को एक - एक वर्ष के लिए दे दिया। हर राजा ने उससे संतान की उत्पत्ति की।गालव ने इसके बदले उन राजाओ से मूल्यवान घोड़े प्राप्त किये। इन घोड़ो को उसने अपने गुरु विश्वामित्र को गुरु दक्षिणा के रूप में दिया। गालव ने हर राजा से 200 घोड़े प्राप्त किये थे। पर उसे अपने गुरु को 800 घोड़े भेट करने थे। बचे हुए 200 घोड़ो के लिए उसने माधवी को विश्वामित्र को कर दिया वह विश्वामित्र के पास उस समय तक रही जब तक उस ने एक पुत्र को जन्म नहीं दिया, यह सब कुछ होने के बाद गालव ने माधवी को वापिस लेकर उसे उसके पिता को लौटा किया." क्योंकि अब माधवी उसके किसी काम की नहीं थी। इस दौरान वो खुद माधवी के साथ योन सम्बन्ध बनाता रहा था।
जब माधवी को इतनी योनि पीड़ा झेलनी पड़ी जो की एक राजा की लड़की थी। तो आप सब कल्पना कीजिये उन लडकियों की कितनी योनि दुर्दशा की गई होगी जो संभ्रांत परिवार से नहीं थी।
सुधीर मौर्य 'सुधीर'
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