Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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प्रेम की दो नाव

 

सुधीर मौर्य 'सुधीर'
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उसकी बातो में
लगने लगा है
बहुत कुछ
बनाव इन दिनों

 

किसी और की
गली से
गुजरने लगे हैं
उसके पाँव इन दिनों

 

मागने लगा है
कोई और
उसकी जुल्फों की
छाओं इन दिनों

 

हाँ चर्चे हैं
उसके एक और
अफाएर के
गाँव में इन दिनों

 

हो न हो
वो सवार है
प्रेम की
दो नाव में इन दिनों।

 

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