सुधीर मौर्या "सुधीर'
उसकी बातो में
लगने लगा हे
बहुत कुछ
बनाव इन दिनों.
किसी और की
गली से
गुजरने लगे हे
उसकेपावं इन दिनों.
मागनेलगाहे
कोईऔर
उसकेजुल्फोंकी
छाव इन दिनों.
हाँचर्चेहे
उसकेएकऔर
अफएरके
गाँव में
इन दिनों.
हो न हो
वो सवार हे
प्रेम की
दो नाव में इन दिनों.
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