सो जगह से चाक ये दिल मेरा
हो गया जिस्म जल थल मेरा
हम उसके शहर को छोड़ चले
लैला मेरी न महमिल मेरा
जब उठा जनाजा कंधों पर
पशेमान खडा था कातिल मेरा
क्या बंधू सफिने में बादबान
रूठा मुझ से साहिल मेरा
वो हाथ हिहाई वो पैरहन सुर्ख
कुछ एसा सजा था मकतल मेरा
सुधीरमौर्या'सुधीर'
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