मरा - मरा 'रट' राम कहाया ,
विपुल चेतना औ सच लाया |
अवशर सब सच दिखे सुहाना ,
वाल्मीकि - समझाने आया !
बना महान पिछ्ला धर्म- कर्म,
रामायण उन्हें गुणवान बताया |
दिशाओं में हिन्द -हवा लहराया ,
बुद्धि - बल ने रामायण रचवाया |
जिह्वा पर माँ सरस्वती आई ,
और सुलेखन कृत्य कराया |
पूर्व जन्म - कर्म - फल पाया ,
कवि सुखमंगल ने यह गाया ||
--
Sukhmangal Singh
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY