“ऐसा जतन करें “चूल्हा – चौका रोटी पानी /
घर -घर यही कहानी/
भूखा पेट कोई मिल जाये /
आओ उसे भरें /
हरी -भरी हो सबकी बगिया /
ऐसा जतन करें |
गाँव ,गली ,चौबारे गूंजे /
तुलसी औ कबीर की बानी /
चूल्हा चौका रोटी पानी। ……..
हर चौखट दरवाजे गायें /
शुभ-शुभ मंगल गीत /
शत्रु अगर कोई दिख जाये /
वह भी बन जाये मन मीत |
बूढ़ा मन महसूस करे कि /
आई लौट के पुनः जवानी /
चूल्हा -चौका रोटी -पानी ||
-सुखमंगल सिंह पांडेयपुर ,वाराणसी मोबाइल -९४५२३०९६११
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