Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बचना चाहिये

 

मौसम की तरह बदलते दोस्त  को

    नहीं दोस्त  बनाना चाहिए |

 जीवन में आने वाली तकलीफ से, 

कभी घबराना नहीं चाहिए |

सच सत्य से रूठने वाले लोगों को ,

कभी  मनाना नहीं चाहिए |

 जो नजरों से गिर जाए तो उसे ,

कभी उठाना नहीं चाहिए |

पचे जो ना पेट मे खाद्य पदार्थ,

खाना उसे नहीं चाहिए |

बाते जो मानता न हो उसको ,

समझाना नहीं चाहिए | 

जहां क्रंदन होता हो वहाँ सदा ,

वहाँ जाना नहीं चाहिए |

कपट करने वालों से कभी भी ,

मित्रता करनी नहीं चाहिए | 

अपने सच्चे मित्र से मित्रवत , 

व्यवहार करने चाहिए | 

द्वेष करने वाले से प्रतीकार व ,

 मित्रो का हित करना चाहिए | 

– सुखमंगल सिंह (अवध निवासी ) 

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