Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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भोजपुरिया

 

धान रोपैया क स गीत गवनई जब गावे ,
बुढवन के मन भावे ,भोजपुरिया गीत सुनावे |
चमक चुनरी चमकावे ,परसनल पर्स दिखावे ,
मीठी-मीठी बोली सुनावे,दिल दिलदार की लहरावे |
मोवाइल आपन दिखावे ,फिल्मी बात सुनावे ,
गंगा किनारे ले जावे ,सेल्फी साथ खिचावे |
छोरा -छोरी के मन भावे ,दूनौ भोजपुरिया में गावें ,
देश-विदेश में गाते जावे , वाही भोजपुरिया कहावें |
लाली -लिपस्टिक चमकावे ,ओढ़नी दूजे पर हलरावे ,
फिल्मी दुनिया भरमावे ,अपनों जलवा दिखावे |
घुटना कपड़ा दिखावे ,लाडकं लो ललचावे ,
नीक नयना मटकावे , अँखियन अंजना लगावे |
सैयां-सजनी खेतवां,कोड़न को जबै जावे,
गुलजार लोगन के करावे ,सबके मनवां भावे |
नान्ह अन्हिया दिखावे, भोजपुरी गीत सुनावे ,
छोरा -छोरी मन भावे ,समझो भोजपुरिया कहावें ||

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Sukhmangal Singh

 

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