आओ हम सब मिलकर /
तुलसी और पीपल लगायें/
धनतेरस है आज ही से /
दीप जला दीपावली मनायें|
हाट - बाट हॉप रौनक /
ऐसा मिशन चलायें/
मंदिर -मस्जिद गुरुदारा औ /
तालाबों को खूब सजायें|
भाषा - बोली बोलचाल नेक/
नेक सरल संस्कार बनायें/
सरसों का तेल भर दीपक /
दीपावाली में जलायें||
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Sukhmangal Singh
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