Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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एक नजर उड़ीसा की ओर भी

 

विविधता में एकता सजोए भारत और भारतीय इतिहास रोचक सामग्री अध्ययन के लिए प्रस्तुत किये हुए है | उड़ीसा को ही लें उड़ीसा में कलिंग और उत्कल जातियों निवाद स्थान रहा है | प्रारंभिक वैदिक कृतियों में कलिंग का नाम लिया गया है | छठवीं सदी से पंद्रहवीं सदी तक सांस्कृतिक गतिविधियों में अग्रणी भूमिका निभाने के कार्य में उड़ीसा रहा है | विशाल सेनाओं वाले मौर्य साम्राज्य का कलिंग की तत्कालीन नता ने साहस का परिचय देते हुए प्रतिरोध किया | यही कारण रहा कि सम्राट अशोक को गे आना पड़ा ,आकर इतिहास को लाल होने से नहीं बचा सके |
उदयगिरि की पहाड़ियों के प्राचीन स्मारक से उपलब्ध शिलालेखों ने राजा खारवेल को साहित्य गणित सामाजिक विज्ञान और कला के संवर्धन संरक्षण में ख्याति लब्धता के साथ -साथ सैन्य कला कौशल में भी निपुण थे, प्राप्त होता है | वह राजा नृत्य नाट्य कला को प्रोत्साहित करने वाला रहा है | कलिंग वीरता इतिहास में सदा सदा के लिए अमर हो गया जिसका उल्लेख साहित्य दर्पण में भी आया है | उड़ीसा का व्यापारी संबंध विविध देशों से होता रहा कला संस्कृति के क्षेत्र में भी रहते हुए तंत्रवाद के प्रभाव से ग्रस्त हो गया समुदायवाद में योगिनी समुदाय का अस्तित्व तांत्रिक भावों का रहा है | उड़ीसा में भौंम और सोमवंश के राजाओं द्वारा हीरापुर मंदिर बनवाया |
उड़ीसा में भौंम और सोमवंश के राजाओं द्वाराबनवाए गए मंदिरों के रानीपुर,झरियाल के मंदिरों में योगिनी समुदाय का प्रभाव रहा इन सोमवंशी राजाओं जो आठवीं -दसवीं सदी के मध्य कार्यकाल था वे अपनी उदारता के लिए मसहूर रहे और कला शिल्प दर्शन साहित्य संरक्षण देने में अग्रणी भूमिका निभाने की वजह से उनका नाम आता है |
भुवनेश्वर के निकट शिशुपालगढ़ का जिक्र ह्वेनसांग ने किया और पुरी के बाबा जगन्नाथ जी भारत सहित पूरे संसार को अपनी कृपा वर्षाते रहते हैं|

 

 

 

Sukhmangal Singh

 

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