Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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गलवानघाटी

 

दोपहरी के तेज से

लाल हो रहे पाथर
सारा अंचल कांप रहा
अग्नि ताप को भांप रहा।

पत्थर का अवलंब लिए
सेना सीमा पर जमी रही
दुश्मन की पैनी निगाह से
कायनात को भांप रही।

वीरों के बल सीमा बोली
ऊपर ड्रैगन के सेना डोली
भीष्म टैंक गर्जना टोली
गोला बारूद मिसाइल गोली।

मिसाइलों से लैस अपाचे सुखोई
बम बर्षक लड़ाकू विमान गर्जना
दुनिया को  है भारत ने समझाया
आतंकियों के नाश का हाथ बढ़ाया।
- सुखमंगल सिंह, अवध निवासी




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