-- 'मंगल ' आज जयशंकर की महिमा तुम्हें सुनाने आया |
निबंध नाटक उपन्यास और वह कथाकार कहलाया ||
दुनिया में प्रिंट मीडिया को चौथा स्तम्भ सभी बताया |
हिंदी के छायावादी युग में प्रसाद ने चौथा स्तम्भ पाया ||
कविता कहानी नाटक उपन्यास सभी जयशंकर को भाया |
कामायनी क़ानून-कुसुम आँसू झरना - लहर धूम मचाया ||
हिन्दी, बंगला, उर्दू, फारसी, संस्कृत में रचना लिख सुनाया|
कच्छ -मच्छ से परे रह शिवशक्ति साहित्य को अपनाया||
धनिक -बनिक कुल जन्म मिल,अध्यवसायी व्यक्तित्व पाया |
मौलिकता साहित्य में लाकर जैनेन्द्र -अज्ञेय सा गुण आया ||
मंगल कहता प्रसाद से कविता सीखो कवि कैसी गाथा गाया |
पन्त, निराला, महादेवी संग छायावादी चौथा स्तंभ कहाया||
तितली, कंकाल इरावती उपन्यास औ आकाशदीप, मधुआ
और पुरस्कार की कहानियाँ गद्य लेखन से ऊँचाइयाँ दिलाया||
Sukhmangal Singh
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