भूखे रहकर निर्जला स्त्रियाँ रखतीं है ब्रत,
भारत को देख इसी लिये सब रहते हतप्रध |
वी. डी. ओ. कालिंग से तोड़ते अपना ब्रत,
प्रियतम को पाकर प्यारी भी हो गई हकवत |
निराजल ब्रत रहकर भूखे दिन बिताये शक्त,
कृपा प्रभु हो गोल्ड मेडल ले आये भक्त |
भारत यूं ही नहीं संस्कृति पर भरता है दंभ,
सभ्यता-संस्कृति- संस्कार उसका है अवलम्ब |
परम्परा और प्यार का प्रतीक करवा चौथ,
देश -परदेश मन बहलने लगा करवा चौथ |
गुनगुना रहा है गीत- संगीत रात का चाँद,
चुडिया- कंगना सजने लगी है करवा चौथ |
बीती रात को ही प्यार समझाने लगा चाँद,
सुहाग सुहावन सुखद दीप जलाने लगा चाँद |
चांदनी रात में प्रेमी-पिया मिलाने लगा चाँद,
भूखे -प्यासे को 'मंगल' प्यार लुटाने लगा चाँद ||
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Sukhmangal Singh
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