"महाशिवरात्रि"
शिव विवाह में शिवजी के पिता का
जब कन्या पक्ष ने शुभ नाम पूछा।
तब शिव अपना नाम उनको सुनाया,
ब्रह्मा जी उनका पिता खुद को बताया!
ब्रह्मा के पिता का नाम जब शिव के पूछा,
भगवान शंकर ने जवाब दे उसे कहा?
सृष्टि काजू पालन करते हैं वही विष्णु,
भगवान विष्णु हमारे दादा कहे जाते।
कंया पक्ष की जिज्ञासा और आगे आई,
आपके अगर पिता ब्रम्हाजी सृष्टि रूप
और आपके दादा विष्णु जी कहे जाते,
तो आप के परदादा कौन कहलाते हैं!
यह सुन आदि देवा देव अट्टहास किये,
देवों के देव खुद को जिम्मेदार ठहराया
शिव बुरी नीयत - शक्तियों के संहारक
शिवा स्तोत्र का पाठ है मंगल कारक।
यदि प्रारब्ध के कारण अच्छा न होता हो,
शिवरात्रि पर शिव उपासना बदल देती चाल।
चांदी के नाग नागिन शिव पर चढ़ाने के बाद,
कष्ट दूर हो जाते भक्तों के सभी आए पास।
भगवान शिव को उत्तम पुरुष के रूप में पूजा जाता है,
और माता पार्वती को आदर्श नारी के रूप में जाना जाता है।
ओम नमः शिवाय का करे जो भी महा शिवरात्रि में पाठ,
अश्वमेध के समान फल मिलता है उसे कलयुग में आज।
जिस प्रकार गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं धरा पर है,
वैसे ही शिव के समान कोई देव नहीं तीनो लोक में है।
रुद्राभिषेक का यदि आपने कर रखा है अपने मन में विचार,
उन भक्तों का महाशिवरात्रि से हो जाता है कल्याण।
मानव शरीर में शिव - शक्ति रहती है सदा विद्यमान,
महाशिवरात्रि में शिव पूजन से होता है सबका कल्याण।
शिव साक्षात क्रियाओं को संतुलित रखने का करता काम,
गौरी शंकर रुद्राक्ष शिव पार्वती स्वरूप में प्रकाशित एक धाम।
सौभाग्य वर्धक त्यौहार कहा जाता है महाशिवरात्रि,
करोड़ों ग्रहों की चाल को बदल देता है शिव महाकाल।
अग्नि लिंग रूप करोड़ों सूर्य के समान तेजस्वी है शिव,
शिवजी के व्रत और पूजन से मिट जाते हैं जो दोष।
गौरी शंकर रुद्राक्ष शिव - पार्वती का ही है स्वरूप,
जो पारिवारिक सुख - शांति बढ़ाता है भरपूर।
पति पत्नी में प्रेम व सौभाग्य बढ़ाता है गौरी शंकर रुद्राक्ष,
इसको धारण करें महाशिवरात्रि पर मंगल आप।
कन्याओं की शादी में यदि हो रही हो देरी,
पीली साड़ी बेसन लड्डू और हल्दी चढ़ाएं जल्दी।
शिव पार्वती के पूजन से वर मिलता है भाग्यशाली,
शिव जी का व्रत करता भक्तों की रक्षा सुरक्षा रखवारी।
- सुख मंगल सिंह
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