Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मेरी नीद नहीं खुल जाती

 

 

1-मेरी नीद नहीं खुल जाती
मम्मी मेरी रोज जगाती |
पापा लेकर डंडा दौडाते
मम्मी की गोंद में छुप जाते ||
२- जिसने जेल में छापा मारा
वो जेल मंत्री हो गया !
रेल में जो की डकैती
रेल मंत्री हो गये |
३- महान बनने की मेरी आदत नहीं
माल हजम करने की ताकत नहीं !
वे तो बार बार फुसलाते रहे धन नही
आतंकी खुद कहलाते धन धान्य सही !
४- पापा को पापी! पाप पास नहीं लाना
भरी नदी काली, कलिकाल उसे डुबाना |
हिन्द हिमालय विन्ध भाल झुक नहीं जाए
वीर बहादुर के पग-पाँव न रुकने पाए |
५- नारी -नर के हाटों नही बाध चलती है
पैरों पर अपने खड़ी आप चलती है |
अद्भुत रूप दिखाकर लोगों छलती है
हींन नहीं नारी मुठभेड़ कर पलती है |

 


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Sukhmangal Singh

 

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