अभी अयोध्या का फैसला आने वाला /
वक्त वोर्ड ने नाम वह चिल्लाने वाला |
परिंदा भी पर मारने को घात लगाया /
आपसी सौहार्द नगर में गुल खिलाया |
हिन्दू -मुस्लिम ने तरकीब नया सुनाया /
देश-विदेश को भी सद्भाव यह है भाया |
फौजी जवानों की राइफलें तनके आईं/
साहित्य प्रेमियों ने खूब कलम चलाईं|
तिरपाल में श्री राम की छवि लख आया !
'मंगल' कहता आया कलियुग आया ?
जातिवाद का जहर भी निकल ना पाया /
धर्मवाद की कट्टरता में खून खूब बहाया |
हिन्दू-मुस्लिम एकता कब कहाँ दिखाया /
राम लला का महल जो,जब मिल ना पाया ||
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Sukhmangal Singh
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