Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

सखा आने वाले ?

 

बंसुरिया प्रेम की बजती ,सखा घर आने वाले जी |
सांवरिया मनमोहक मेरे ,सखा दुःख मिटाने वाले हैं ||
पुजरिया प्रेम में बजती ,सखा प्रीती लगाने वाले हैं |
नगरिया धर्म की होती ,सखा घर आने वाले हैं ||
बजरिया दृष्टि में रमती ,सखा सुख लाने वाले हैं |
डगरिया मस्ती में बितती,सखा डग दिखाने वाले हैं ||
बीमरिया पास नहीं फटकती,सखा दुःख सहते हैं |
गठरिया ज्ञान की खुलती ,सखा धनधान्य वाले हैं ||
गगरिया दान से भरती ,सखा धन वर्षाने वाले हैं |
मुरलिया दुर्लभ दर्शन की ,सखा ! बजाने वाले हैं ||

 

 

--
Sukhmangal Singh

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ