Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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सरदार वल्लभभाई पटेल दुनिया के लिए मिशाल

 

भारत में अनेकानेक महापुरुषों ने जन्म लिया | उन सभी ने संसार को सभ्यता ,संस्कृति ,ज्ञान ,विज्ञान ,धर्म -ध्यान और योग सहित स्वच्छता आदि का गुर दिया | अक्टूबर ३१,१८७५ को गुजरार के नाडियाड में पटेल जी का जन्में द्वारिकाधीश की विशेष के पात्र श्रीमान वल्लभभाई पटेल जी का जन्म दृढ इच्छाशक्ति और तत्काल निर्णय लेने की सुशासनिक क्षमता से परिपूर्ण था | उनहोंने अग्रेजी शासन को भली भाँती देखा समझा परखा था | जिसे देखकर आजादी के पहले जिस समय देश टुकड़ों में विभक्त होने के कगार पर दिखता नजर आने की स्थिति का भान हुआ उसी समय उनहोंने तत्परता दिखाते हुए अपनी मजबूत छवि के दम पर पांच सौ पैसठ राज घरानों को विखरने से बचा लिया | यद्यपि सभी राज घरानों में आपसी मेल की कमी थी | फिर भी पटेल जी ने भारतीय गणतंत्र में जुड़ने के लिए राजी कर लिया | उनहोंने राष्ट्रीय एकता और अखंडता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |सरदार में दूरदर्शिता और सुरक्षा का भाव कूट -कूट कर भरा था | उनमें देश के प्रति सत्यनिष्ठा और राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव था | सरदार स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री हुए | भारत उनके जन्म दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाता है |
सरदार देश के लिए मिशाल थे, मिशाल हैं ,और महान व्यक्तित्व मिशाल रहेगा | सन १९५० दिसम्बर १५ को उनका देहावसान हो गया |
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Sukhmangal Singh

 

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