" वहां आग यहां पानी"दुनिया में आग और पानी,की कहानी जुबान जुबानी।सच पर आधारित कोई होतो कभी की है मेहरबानी।।भ्रम को कितना पालेंगे और,अग्नि भूकंप में ठहरेंगे लोग ?यारों और आफत धरती पर,उसको कितनो को चैन हेलो।।जहमत में अमरीकी धरती,दहशत पाले भाग रहे लोग!भूकंप आया अलास्का हिला,नुमाइशी और नेपाली सोच।।धुआं धुआं सा रहा हिमालय,आगे पीछे मुड़ गये हैं लोग।ब्रम्हपुत्र नदी के आस-पास,टूटे दिल, दिखे घरों के ढेर।।खाली-खाली अखनूर इलाका,चिनाव नदी ने मचाया शोर।उत्तर प्रदेश कैसे रहे पीछे,नदियों की धारा में बढा जोर ।।बादल फटा किश्तवाड़ दहला,राजोरी की नदी तूफान पर !सोलम का कश्मीर रास्ता बंद,पहाड़ गिरा ' धड़ाम ' दंग लोग।।लाहौल के नाले नहर भयावह,सिहरन में दिन काट रहे लोग।चंबा हिमालय में बादल फटा,उमड़ा सैलाब गांव की ओर।।लापता लोगों का पता नहीं,
मारे गयो दर्जनों गांव के लोग।
टर्की के अंतालिया की जंगल,
में आग हुई बेशर्म भयावह।
कांच सा बिखरा पड़ा गांव,
पानी को बौछार खड़ी जहाज।
सिरमौर में हिमालय पर्वत,
भरभरा के सड़क पर गिरा।
सारे पत्थर बिखरे आसपास,
नेशनल हाईवे जाम कर दिया।
टर्की के कास्टल एरिया आग,
सारी कोशिश करनी बेकार।
विमान और हेलीकाप्टर भी,
आग बुझाने में सभी नाकाम।
- सुख मंगल सिंह
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