"विष्णु की प्यारी काशी"
दक्षिण से उत्तर प्रवाहित होती गंगा ,
भोले शंकर और कण कण अड़भंगा,
शिक्षा शिक्षानीति क्षेत्र में है चंगा
विश्वनाथधाम विराजत काशी गंगा |
फक्कड़ योगी अलमस्त घुमक्कड़ ,
छाने बूटी कटि लंगोटी लक्कड़ ,
गली मुहल्ला राड़ सांड- सीढ़ी ,
गुण्डा - पंडा से भरा बनारस |
गिरिजापति का खड़ा त्रिशूल ,
वेद पाठ सस्वर होत गूँज ,
ग्यानी को जो राह दिखाता ,
गायन कीर्तन काशी गाता |
यहीं दुर्गा की है शक्ति पीठ ,
यत्र- तत्र शिव की रहती मूर्ती
घर्म -संस्कृति पाठ पढ़ाता
कुमार शिव शिव शास्त्री बनता |
पोथी पन्ना बांच नहीं पाता ,
गुरु कृपा से विद्द्वान बन जाता ,
लाठी --डंडा साथ में जो लाता ,
भाग भाग्य से काशी आता |
शिव शंकर की काशी न्यारी ,
विष्णु प्रिय दुलारी काशी ,
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