Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कोने – कोने ज्ञान भरें

 

कोने – कोने ज्ञान भरें ————————

हरियाली घर आंगन आये दिल से आओ प्यार करें 

गगन के पक्षी डाल डाल से कलरव कर  गुणगान करें |
कोयल की मीठी  वाणी संग  कागा बैठा ध्यान करे 

भीतर अभिलाषा लेकर मन में कोने  – कोने  ज्ञान भरें |
लछिमन चिड़िया ‘मंगल ‘ गाए गादी  बैठे झाँक लगाए 

लाल – गुलाबी, नीली -पीली धानी  मानी वसन बनाये |
मूल भूत पाषाण शिलायें उठकर खुद नाम लिखाएं 

विविध यतन के दाना डालें उँघे धरातल जाल विछाएँ |

 नहीं कहीं कोलाहल हो हरियाली का जाल बिछायें || 

– सुखमंगल सिंह ‘ मंगल ‘ वाराणसी ०९४५२३०९६११ 

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