" लूडो गेम आनलाइन"
लूडो का प्रयास प्राचीन काल से निर्मित था,
राजा राजे इससे अछूते नहीं होते लिप्त होते थे।
यह बात सामने आई कि खेल जिंदगी का हिस्सा था,
इसको समझ लेना चाहिए यह एक जुआ खेल रहा।
आज जब यह आनलाइन सुविधाएं उपलब्ध है,
गांव शहर के बहुत से बच्चे इसी खेल में लिप्त हैं।
पहले चोरी करके घर से पैसा इसमें लगाते रहते हैं,
कुछ दिन बाद तरह तरह से घर को करते हैं बरबाद।
पिता की गाढ़ी कमाई पर करते रहते हाथ लड़के साफ़,
भेद खुलने पर साहब उन सभी लोगों को हो जाता अवसाद ।
घर की पूजी खाली कराने का उनको मिलता है परसाद,
माता पिता कोख में उसने जन्म लिया पर करते पश्चाताप।
पूरे परिवार पर काले बादलों की घिर जाती है छाया,
चारो तरफ कवि कहता मंगल की नहीं दिखती माया।
माता कहती हे ईश्वर किस गलती का यह खामियाजा,
अगले जन्म में जैसा कर्म धर्म होगा मेरा बजाना बाजा।
लोग कहते हैं कि जैसा कर्म धर्म होता वैसा ही खामियाजा,
नहीं पता भगवान राम - शिव कौन गुरु पुरुषोत्तम राजा।
श्री राम के नाम से मुक्ति मिलती है यही कहा जाता,
राम नाम सत्य वचन कहते रहे है ऋषि और मनीषा विधाता।
उनके प्रताप से अधिक पवित्र चरित्र निर्माण और महाराजा,
जिस नगर में अवतार हुआ उसे कहते नगरी में वह है राजा।
उद्ध जहां नहीं पहुंचती लेकर चलने कोई भी अभिलाषा,
राम की उस नगरी अयोध्या को कहते नगरों का है राजा।
अयोध्या के उच्चारण से देवी - देवता प्रसन्न हो जाते,
अपने आशीर्वाद से मानव को पाप मुक्त कर मुक्ति दिलाते।
फिर तुम क्यों खेलते हुए मिलते हो ऐसी कोई खेल,
जिससे हो जाता घर बर्बाद परिवार भी जाता है झेल।
कर्म योग साधना प्रधान समाज का करता निर्माण,
सत्य अहिंसा और शांति का एकमात्र करना विचार।
- सुख मंगल सिंह अवध निवासी
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