आंगन -आगमन
सद्विचार जब पनपेगा
नवयुग का तब आगमन होगा।
नवीनतम प्रतिक्रियाएं होती
जीवन में उत्कर्ष बढ़ेगा।।
चिंतन उत्कृष्ट जब बनता
सद् साहित्य रचा जाता है।
सत साहित्य मानव समाज को
उत्तम मार्ग दिखाता है।।
विचार शोधन होता जब
साहित्यिक क्रांति आतें तब।
सद् साहित्यिक क्रांति जब आती
नवयुग का निर्माण होता है।।
सद् विचारों के प्रतिस्थापनद्वारा
समाज का नवनिर्माण होता।
चिंतन प्रवाह को संतुलित रखता
सत साहित्य रचा होता ।।
आस्था की मर्म मस्त तक जा
मानवीय गरिमा को उभार।
विवेकशीलता को जगाकर
पुरुषार्थ का परचम लहरा वो।।
भ्रांतियां से मानवता को उबारो
आध्यात्मिक विचार से विकार निकाल।
सत्य विचार जीवन में उतरे और
मानव जीवन अपना निखार।।
- सुख मंगल सिंह
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