आई बारात
नखरे में समधी जी आज
द्वार पर आई बारात!
समधि की बहन भी है तनी हुई
बंद बजे से निकल रही आवाज।
नखरे में समधी जी आज
द्वार पर आई बारात!!
छोटे-मोटे समाधि करते कमाल
सूट बूट में सजे हैं आज।
नखरे में समधी जी आज
द्वार पर आई बारात!!
बन्ना की पूछो ना आगे
पांच घोड़े की बग्घी में बैठे हैं आज।
सूट बूट पहन हां बना बना
बागी पर चढ़े कैसा था ना।
नखरे में समधी जी आज
द्वार पर आई बारात!!
मूंछ मूडवा के लड़का बना
समधी जी का है रुख तना
छोटे-मोटे समझी हमार
द्वार पर आई बारात
नखरे में समधी जी आज।।
गीत गांव गोतिहारिन गावें
समधी- समधिनम - रिझि जावे
दोनों के मिलन में सुमार
समधिन की सजावट अपार।
नखरे में समधी जी आज
द्वार पर आई बारात।।
छोटे-मोटे समाधि हमार
द्वार पर आई बारात।।
मोमोहि आई सखियां
हल्दी लाज पधारो
नखरे में समधी जी आज
द्वार पर आई बारात।।
द्वारे समधी जी आए हैं आज
दा बुलावा नाऊ तोहार है कार्य
आएंगे समधी द्वार मेरे आज
जल्दी बुलवा दानाऊ तोहर कार्य।
छोटी मोटी समधी हैं हमारे
नखरे में समधी जी आज
द्वार पर आई बारात।।
पंडित बुलावा कलश बैठावा
दूध अक्षत दही हल्दी मंगावा
लीप-पोत द्वारे चांदनी बिछावा
चारों तरफ द्वार पर कुर्सी लगवा।
नखरे में समधिन है आज
द्वार पर आई बारात।।
तोषक ऊपर औ गद्दा लगवा
मखमली चादर ता ऊपर नाना
छोटी- मोटी समधिन हमार
द्वार पर आई बारात।
नखरे में समधी हैं आज
द्वारे पे आई बारात।।
- सुख मंगल सिंह
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