अभाव
पारदर्शिता का हो रहा है अभाव
दिल का दिल से हो रहा टकराव
गलतफहमियों से बढ़ रहा तनाव
विश्वास का आ रहा है बिखराव।
घर परिवार में हो रहा है अलगाव
चारों तरफ बिखेर रही बिखराव
सच भारी बढ़ रहा झूठ का प्रभाव
झूठे ने फैला दिया भ्रष्टाचार द्वार।
कंस पर भारी पड़ा कृष्ण क प्रभाव
अगस्त प्रभारी पद पर तुलसी पात
श्री राम ने जनक जननी को सुझाव
भरेपेट अगस्त के ले तुलसी आहार।
कलयुग का पेट बड़ा खडा़ काल द्वार
झूठे वादे कर रहे दलगत के व्यवहार
दिल का दिल से मेल हो न हो टकराव
पारदर्शिता गर हो ना हो कोई अभाव।।
- सुख मंगल सिंह
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