Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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"ऐसा जतन करें "

 

"ऐसा जतन करें "
 
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चूल्हा चौका रोटी पानी /
 
घर -घर यही कहानी/
 
भूखा पेट कोई मिल जाये /
 
आओ उसे भरें
 
हरी भरी हो सबकी बगिया /
 
ऐसा जतन करें |
 
गाँव ,गली ,चौबारे गूंजे /
 
तुलसी औ कबीर की बानी /


 
चूल्हा चौका रोटी पानी। ........
 
हर चौखट दरवाजे गायें /
 
शुभशुभ मंगल गीत /
 
शत्रु अगर कोई दिख जाये /
 
वह भी बन जाये मन मीत |
 
बूढ़ा मन महसूस करे कि /
 
आई लौट के पुनः जवानी /
 
चूल्हा चौका रोटी पानी ||

-सुख मंगल सिंह 

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