Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

बडा़ निक लागे गांव की बाड़ी

 

बडा़ निक लागे गांव की बाड़ी


के कईले हौ 'मंगल' चित्रकारी
बड़ा निक लागे मोरा गांव की बाड़ी।
 
जाने किस कलम की है यह धारी
छोटी-छोटी पतई पर बनल किनारी
तरह-तरह से तरासल गईल  सारी
बड़ा निक लागे  गोरा गांव की बाड़ी। 

धनवा के पड़वा में सीधी कतार हौ
माना परेड करके जवान तैयार हौ
जाने कौन छाछापा के हरि तैयारी
बड़ा निक लागे मोरा गांव की बाड़ी। 

धनवा के चक रोड पे हरिहर खास हो
घासिया पर सजल बा हरियर गलीचा
वही गलीचा पर सो अल रे भिखारी
बड़ा निक लागे मोरा गांव की बाड़ी।

सावां धान अरहर और उड़दो में किनारी
बजरी बाजरा मकई में सीधी सीधी नारी
ई केकर  कइल हौ 'मंगल' चित्रकारी
बड़ा निक लागे मोरा गांव की बाड़ी। 

झूमि-झूमि के गोरिया करेली सोहनिया
खुली चक रोड पर चमकावे पैजानिया
घायल ना होंगे धान का चित्रकाचित्रकारी
बड़ा निक लागे मोरा गांव की बाड़ी। 

उठी सुबह सवेरे बचवा करे किलकारी
होत भोर हरिया माली जा ला बाड़ी-बाड़ी
शीतल बयरिया बहे झूम झूम फुलवारी
बड़ा निक लागे मोरा गांव की बाड़ी। 

के कईले हौ 'मंगल' चित्रकाचित्रकारी
बड़ा निक लागे मोरा गांव की बाड़ी।। 
-सुख मंगल सिंह




Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ