Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बस एक बार ऐसा समय आता

 

बस एक बार ऐसा समय आता


मीठी मीठी रस भरी सुन उपजे अनुराग
कोकिल सबका मन हरे, कड़वा लगे काक। 
मानव जीवन में बस एक ही बार
ऐसा सुखद समय आता है। 
जब एक हृदय को किसी दूसरी हृदय के संग
प्रेम की डोरी से बाधने की
उत्कृष्ट अभिलाषा होती है। 
मन में बार-बार होता है कि उसके शरीर को
प्रति पल अपनी आंखों के सामने बिठाएं। 
उसकी गर्म हवाओं (स्वासें) हमारी
कोमल गालों से टकरायें। 
और हमारी गम गमाती हुई स्वासें उसके
मनमोहन मोहक गालों को स्पष्ट करें। 
वह हमेशा हमें निहारा करें और
मैं उसे आशा भरी निगाहों से प्यार करूँ। 
मन करता है कि हर समय उसके पास रहकर
हृदय में प्रेम की तरंगों को उछालती रहूँ। 
अपलक निगाहों से निहारती रहूं। 
हृदय को किसी दूसरे संग डोरी से बांधने 
की अभिलाषा -! 
मानव जीवन में बस एक बार
ऐसा  सुखद समय आता है। 
कोटि हिलोरे उर उठे, उजाले की खोज में
जब हिय में प्रियतम बसें, कष्ट कटे चकोर। 
मैंने तुमसे प्यार किया है,तुम  प्यार करो ना करो
सुखसागर मैंने किया है, अंगीकार करो ना करो। 
- सुख मंगल सिंह

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