Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बुढ़ापे में उत्साहित

 
बुढ़ापे में उत्साहित


बढे बुढापा वा लाचारी करना होगा खुद काम,
जीवन की इस अवस्था में कोई भी न आयेगें काम।
मैं अपने जीवन की कहानी लिखना चाहता हूँ,
ताकि लोग मुझे भूल न जाएं।

मेरी जीवनी पढ़कर लोग मुझे याद रखेंगे,
और मेरे कामों को सराहेंगे।
लेकिन मुझे पता है कि यह आसान नहीं होगा,
क्योंकि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।

मैं अपने जीवन की कहानी लिखने के लिए तैयार हूँ,
और मैं इसे पूरी ईमानदारी से लिखूंगा।
मैं अपने जीवन के अनुभवों को साझा करूंगा,
और लोगों को अपनी कहानी सुनाऊंगा।

मेरी जीवनी पढ़कर लोग मुझे समझेंगे,
और मेरे कामों को सराहेंगे।
मैं अपने जीवन की कहानी लिखने के लिए उत्साहित हूँ,
और मैं इसे पूरी ईमानदारी से लिखूंगा।

जीवन की इस अवस्था में मैं खुद काम करूंगा,
और अपनी जीवनी लिखने के लिए तैयार हूँ।
मैं अपने जीवन की कहानी लिखने के लिए उत्साहित हूँ,
और मैं इसे पूरी ईमानदारी से लिखूंगा।

मेरी जीवनी पढ़कर लोग मुझे याद रखेंगे,
और मेरे कामों को सराहेंगे।
मैं अपने जीवन की कहानी लिखने के लिए तैयार हूँ,
और मैं इसे पूरी ईमानदारी से लिखूंगा।

जीवन की इस अवस्था में मैं खुद काम करूंगा,
और अपनी जीवनी लिखने के लिए तैयार हूँ।
मैं अपने जीवन की कहानी लिखने के लिए उत्साहित हूँ,
और मैं इसे पूरी ईमानदारी से लिखूंगा।। 

- सुख मंगल सिंह
Sukhmangal Singh



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