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चौथ का चांद

 
चौथ का चांद

चौथ के चांद पर रोशनी है,
दिल की गहराइयों में खुशियों की बारिश है।
चौथ के चांद पर चमकता है प्यार,
दो दिलों की धड़कनों का संगम है यह प्यार।

चौथ के चांद पर खिलते हैं फूल,
मोहब्बत की खुशबू से महकता है ये मौसम है।
चौथ के चांद पर गुनगुनाती हैं कविताएं,
दिल की गहराइयों से निकलती हैं ये कविताएं।

चौथ के चांद पर चमकती हैं तारे,
दो दिलों की मोहब्बत की कहानी है।
चौथ के चांद पर बहती हैं नदियाँ,
दो दिलों की प्रेम कहानी की धारा है।

चौथ के चांद पर खिलते हैं सपने,
दो दिलों की मोहब्बत की यात्रा है।
चौथ के चांद पर गुनगुनाती हैं यादें,
दो दिलों की प्रेम कहानी की यादें हैं।

चौथ के चांद पर चमकता है प्यार,
दो दिलों की धड़कनों का संगम है यह प्यार।। 
- सुख मंगल सिंह

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