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दीपावली की कहानी: शब्दों की रोशनी

 
दीपावली की कहानी: शब्दों की रोशनी

दीपावली का त्योहार निकट आ रहा था। शहर में रोशनी और रंगों की धूम मची हुई थी। लेकिन एक छोटे से घर में रहने वाले परिवार के लिए दीपावली का अर्थ कुछ और ही था।

उनके घर में शब्दों की रोशनी थी, जो उनके दिलों में आशीर्वाद की तरह जलती थी। परिवार के मुखिया श्री शर्मा ने अपने बच्चों को दीपावली के महत्व के बारे में बताया.

"दीपावली नहीं सिर्फ पटाखों और मिठाइयों का त्योहार है, बल्कि यह हमारे जीवन में रोशनी और आशीर्वाद का प्रतीक है।"

उनकी बेटी ने पूछा, "पिताजी, शब्दों की रोशनी क्या है?"

श्री शर्मा ने कहा, "शब्दों की रोशनी वह है जो हमारे दिलों में आशीर्वाद की तरह जलती है। यह हमें जीवन के सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है।"

उस दिन से, परिवार ने दीपावली को शब्दों की रोशनी के साथ मनाने का फैसला किया। उन्होंने अपने घर को रोशनी से सजाया और शब्दों की माला बनाई.

दीपावली की रात को उन्होंने शब्दों की रोशनी को जलाया और आशीर्वाद की प्रार्थना की। उस रात से, उनके घर में शब्दों की रोशनी ने हमेशा के लिए अपनी जगह बना ली।

इस दीपावली पर, आप भी शब्दों की रोशनी को अपने जीवन में जलाएं और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

दीपावली की शुभकामनाएं!
- सुख मंगल सिंह

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