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Dr. Srimati Tara Singh
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दीवाली

 

दीवाली


माटी वाला दीप जलाओ,
दीवाली की खुशी मनाओ।
देश हित में खड़ी है सेना ,
सीमाओं की अपनी सुरक्षा में!

सीमा देश की रहे सुरक्षित,
चूक नहीं होवे रखवाली में!
मिट्टी वाला दीप जलाना
अबकी बार फिर दीवाली में!

राष्ट्र भक्ति में दीप जलाओ
वंदेमातम् के गीत सुनाओ।
वैज्ञानिकता भरी हुई है अपने 
सभी तीन और  त्यौहारों में!

भारत मां का जय घोष करो,
मानस में इसकी होड़ रहे।
बनी हुई हो जो भी मिट्टी से,
वे दिये बिकें बाजारों में!

चाइनीज झालर आकर्षित करते,
कीट पतंग लेकर आते।
दिये, जबकि जलते जलकर
बरसाती कीड़े मरते हैं!

देश का पैसा देश में रह जाए,
अपनों की ही झोली में।
जाएगा दुश्मन देश में पैसा,
लगेगा राइफल गोली में!

रात अमावस की खाली न जाय,
खुशियां बाटें दीवाली के!
मिट्टी वाले ही दीप जलाना
अबकी बार दीवाली में!

- सुख मंगल सिंह

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