*गीत यही गाते रहें
आप ने ही गीत गुनगुनाते रहें
हम सदा आपको याद आते रहें
लोक हित में कार्य मिलकर करें
बस यही गीत हम सुनाते रहें ||
*थोड़ा पी रहा
विश्व को समेटे जी रहा
चीथड़े गरीब का सी रहा
तन बदन है कर रहा मनमानियाँ
खुशनुमा मौसम है थोड़ा पी रहा ||
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