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हरियाली

 

"हरियाली "
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Sukhmangal Singh

Mon, Feb 17, 3:30 PM (21 hours ago)

to me
"हरियाली "
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हरियाली घर आंगन आये
दिल से आओ प्यार करें
गगन के पक्षी डाल डाल से
कलरव में गुणगान करें |

कोयल की माधुरी वाणी हो
कागा बैठा ध्यान करे
लेकर अभिलाषा मन दिल में
कोना - कोना ज्ञान भरें |

लछिमन चिड़िया 'मंगल ' गाए
गाडी बैठे झाँक लगाए
लाल - गुलाबी नीली -पीली
धानी मानी वसन बनाये |

मूल भूत पाषाण शिलायें
उठकर खुद नाम लिखाएं
विविध यतन के दाना डालें
उँघे धरातल जाल विछाएँ |

नहीं कहीं कोलाहल हो
हरियाली का जाल बिछायें ||
- सुखमंगल सिंह,अवध निवासी


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Sukhmangal Singh

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