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जग अंधियार लागे

 

जग अंधियार लागे

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चांद हीन सूनी जानी-
रात होई जाले
जग अंधियार लागे बाट खोई जाले। 
करिया कलूट  सारा लागेला जमाना
जग अंधियार लागे
बाट खोई जागे। 
करिया कलूट सारा लागेला जमाना
बिना आंख देखा सारी रात होई जाले। 
मालूम पड़ेला सारा जग बा बेगाना
जग अंधियार लागे रात होई जाले
चांद हीन सूनी जानी -! 
- सुख मंगल सिंह

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