जय हिंद जय हिंद जय हिंद
अमर तिरंगा प्यारा है
भारत भाग्य सितारा है
इस झंडा के शान तले
चढ़ा हिन्द का पारा है।
जय हिंद जय हिंद जय हिंद
जय जय जय जय हिंद।।
देश -धर्म की गाथा है
झुका कोटि जन माथा है
गूंथी गयी त्रिवेणी है
पग अबाध गति साधा है।
जय हिंद जय हिंद जय हिंद
जय - जय - जय - जय हिंद।।
सुषमा इसकी न्यारी न्यारी है
मानवता फुलवारी है
धूल धूसरित बच्चे ये
गढ़ते 'मंगल ' क्यारी हैं।
जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द
जय जय जय जय हिन्द।।
- सुख मंगल सिंह, अवध निवासी
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