" कालिदास महान कवि"
प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं कालिदास,
दुष्यंत - शकुंतला प्रेम गाथा का भाष्य।
दैनिक जीवन में कहते हैं ईश्वर महान,
शिव पार्वती के प्रेम का करते हैं गान।।
मेघदूत में लिखें प्रेम संयोग - वियोग,
महकते हुए रंग-बिरंगे पुष्प का योग।
पक्षियों की चहक हिरण के किलोल,
हरियाली लहलहाती चहकते चकोर।।
नाटकीय कला पर रखते हैं ध्यान,
मानव स्वभाव का रखते पूरा ज्ञान।
मुग्ध होते काव्य रसिक काव्य पढ़,
इश्क मुहब्बत के इशारे की नजाकत।।
दांपत्य जीवन प्रेम की ऊंचाई कहा,
राजा कैसा हो पर विचार किया।
ज्योतिष शास्त्र पर रास्ते थे कमांड,
सांख्य दर्शन व योग दर्शन का ज्ञान।।
अभिज्ञान शाकुंतलम् के रचयिता कालिदास,
विश्व साहित्य में अग्रगण्य रचनाकार कालिदास।
मेघदूत दो भाग में प्रकाशित किया है कालिदास,
ऋतु के रूपों का वर्णन रितुसंहार से
कालिदास।।
सरल मधुर भाषा की रचनाएं थे रचते कालिदास,
उपमा व प्रकृति वर्णन में जाने जाते कालिदास।
संस्कृत भाषा के महान कवि लेखक कालिदास,
पौराणिक कथाओं - दर्शन के साक्षात कालिदास।।
श्रृंगार रस से परिपूर्ण रचनाएं लिखते कालिदास,
आदर्शवादी परंपरा नैतिकता के रखते कालिदास।
राजाओं का धर्म क्या है खोज करते कालिदास,
ज्वार भाटा तूफान ग्रहण की सोच ते कालिदास।।
रचनाओं की पट्टी में नई नई कोपलें भरे कालिदास,
काली पूजा से ज्योतिष का पाया ज्ञान कालिदास।
देश के कोने कोने से सुपरिचित हैं कालिदास,
विविध आयामों प्रथाओं का चित्रण किया यथार्थ!!
पशु पक्षी पेड़ पौधों पर जिसकी उनकी अपार,
सौंदर्य और वैभव वर्णन रचनाओं में व्यवहार।
व्याकरण राजनीति छंद शास्त्र काव्य शास्त्र के,
दुरूह पहलुओं पर परिपूर्ण ज्ञान और सब विचार।।
उज्जैनी राजा विक्रमादित्य के रूस्ट होने पर,
चले गई लंका निर्वासित होकर वे कालिदास।
जानकारी है मूल रूप खोज में निकले
महाराज,
लंका में जहां नर्तकी लालच में हत्या की कालिदास।।
रघुवंश महाकाव्य श्री राम के पूर्वज दिलीप महाराज से,
प्रारंभ हो अग्नि वर्ण तक अकसमात
हुआ समाप्त।
प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं महान कालिदास,
जन्मस्थान का खोज हो रहा कहां के कालिदास।।
- सुख मंगल सिंह अवध निवासी
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