"कविता की विशेषताएं"
कविता अनुभूतियों को सशक्त बनाती,
जीवन में प्रतिक्षण को सत्य मानती।
नवीन सौंदर्य का आविर्भाव करती,
सौंदर्य बोध को कविता नहीं झुठलाती।
रूढ़ियों के विरोध में खड़ी हो जाती,
शोषण का हमेशा विरोध करती।
जीवन के यथार्थ कविता बोध कराती,
सामाजिक चित्रण करती रहती ।
नई क्रांति बनकर जब कविता आती,
कभी नहीं कॉलजयी कविता मरती।
जोकि अनंत काल तक नई बनी रहती
वह रचना काल यही हो जाती है।
मनुष्यता का कविता भाव बढ़ आरती
गीता में वह बनकर आती सारथी।
महाभारत के युद्ध में विजय दर्शाती
वेदनाओं पर विचार व्यक्त करती है।
कविता मनो विकारों को दूर भगा दी,
सरल सहज सजल स्वरूप में आती।
प्राकृतिक सौंदर्य देख मुग्ध हो जाती,
सृष्टि सौंदर्य देख रस्म मग्न हो जाती।
सुख-दुख के निस्वार्थ अनुभव करती,
सामान्य दशा में हृदय को लाती है।
मनुष्यजाति को श्रेष्ठ धरा पर ले जाती,
सुनने पढ़ने वाले का मन रमाये रखती।
कविता मर्म स्थलों का अनुभव कराती,
नदियों के उद्गम क्षेत्र का गान करती।
उत्साहजनक परिणाम लेकर आती,
सोच विचार कर भाव प्रकट करती।
श्रुति और स्मृति पर भी मंथन करती,
सभ्यता के उत्तम विधान पर चलती।
संस्कारित नवबीज निरूपण करती,
सकल मनोरथ की कामना रखती।।
- सुख मंगल सिंह
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