मुनमुन
नटखट न्यारा प्यारा मुनमुन
नखरे अजब दिखाता मुनमुन
भाषा तुतली बोलता मुनमुन
प्यारा मुनमुन दुलारा मुनमुन।
कूदता उछालता खेलता मुनमुन
बहकावे में नहीं आता मुनमुन
आदर सत्कार समझता मुनमुन
प्यारा मुनमुन- दुलारा मुनमुन।
छोटे बच्चों में खुश रहता मुनमुन
माँ के थन में मुंह मारता मुनमुन
दूध पीकर फिर ईठलता मुनमुन
प्यारा मुनमुन दुलारा मुनमुन।
प्यार संतोष से मा देखती मुनमुन
मां सूंघती और चाटती है मुनमुन
हरी हरी घास खाता है मुनमुन
प्यारा मुनमुन- दुलारा मुनमुन।
खेत खेत का चक्कर काटत मुनमुन
हरे भरे खेतों को चर जाता मुनमुन
बालक मन प्रशंसक रहतें हैं मुनमुन
प्यारा मुनमुन -दुलारा मुनमुन।
सभी की आंख लगी रहती है मुनमुन
अपनी अपनी भावना से देखते मुनमुन
बेखौफ मस्त रहता है मुनमुन
प्यारा मुनमुन- दुलारा मुनमुन।
चलता फिरता कुलेल करता मुनमुन
बकरी को खौफ मारा जाएगा मुनमुन
उस मा रूपी बकरी का प्यारा मुनमुन
प्यारा मुनमुन- दुलारा मुनमुन।
मानव भाषा नहीं जानता है मुनमुन
सिखने का प्रयास नहीं किया मुनमुन
उठाकर देखते कितना वजनी मुनमुन
प्यारा मुनमुन- दुलारा मुनमुन।
आशंका में चौकअन्ना रहता मुनमुन
आशंकित लगने लगा था मुनमुन
मुंडन में उसके सजाया जाएगा मुनमुन
प्यारा मुनमुन -दुलारा मुनमुन।
मालिक के बेटे का मुंडन आएगा मुनमुन
इधर भोज की तैयारी उधर घूमता मुनमुन
बिरादरी भोज तैयार करते लोग मुनमुन
प्यारा मुनमुन -दुलारा मुनमुन।
इधर उधर घर के कोने में है बैठा मुनमुन
कोना कोना खोजा जाता है वह मुनमुन
रसोइये! अच्छे व्यंजन के दावे में मुनमुन
प्यारा मुनमुन- दुलारा मुनमुन।
-सुख मंगल सिंह
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY