'महिला दिवस"
अपनी लेखनी में मस्तानी जुबान लाएंगे,
सम्मान के शब्दों में भारी तूफान पाएंगे।
महिला दिवस आज भारी अरमान लाया,
विज्ञापन और फोटो शूट करने का खेला तमाम पाया।
तारीफों में नारी की जगह जगह गीत गाए जाएंगे,
संस्थानों से विविध रूप सम्मान लुटा दे पाएंगे ।
कहीं पर साड़ी तो कहीं दुपट्टे मंगवाये जाएंगे,
सम्मान पत्तों को धर्म आचार्यों से दिलवाए जाएंगे।
मोमेंटो पर नारियों के नाम लिखे जाएंगे,
रसीले स्वर में लोकगीत सभी मिल जाएंगे।
सुनी सुनाई रचनाएं सबके सामने आएंगी,
खिल उठे खिलाए वे लोग अपने घर जाएंगे।
उन्हीं में से कुछ लोग नाराज होकर पर बढ़ाएंगे,
अपने चुटकुले शब्दों से लोगों को लोग आएंगे।
सुर में सुर उन्हीं में से कुछ लोग मिलाएंगे,
अगली गोष्ठी में फिर वही लोग बुलाए जाएंगे।
सम्मान के शब्दों में भाई भारी तूफान पाएंगे,
अपनी लेखनी में मस्तानी जो जुबान लाएंगे।।
- सुख मंगल सिंह अवध निवासी
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